मैं यहाँ अपने आप को खोजने आया हूँ,
उसके शहर की एक शाम चुराने आया हूँ!
मैं यहाँ अपने गीत सुनाने आया हूँ,
उसकी शाम मे एक पल बिताने आया हूँ!
मई यहाँ अपने ख्वाब साकार करने आया हूँ,
उस एक पल मे ज़िंदगी जीने आया हूँ!
मैं यहाँ अपना मॅन भरने आया हूँ,
अपनी ज़िंदगी मे उसके रंग भरने आया हूँ!
मैं यहाँ एक मासूम होली खेलने आया हूँ,
उन्ही रंगों को उसके चेहरे पे लगाने आया हूँ!
मई यहाँ कुछ महसूस करने आया हूँ,
उसके चेहरे पे गिरी बारिश की बूँदो को निहारने आया हूँ!
मैं यहाँ अपनी प्यास बुझाने आया हूँ,
वहीं बूंदे उसके लबों से पीने आया हूँ!
– Funadrius
Such beautiful writing! 🙂
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Thank you so much!
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You’re welcome 🙂
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